Thursday, July 19, 2007

Swayamwar... Kya ye sach me hota tha

मैन एक दिन सोच रहा था कि स्व्याम्वर क्या होता है..... इसका मतलब होता है खुद से पति को पसंद करना.... लेकिन अगर हम अपने दो महाग्रंथ मे देखे जिसमे दो mukhya female character कि शादी हुई थी॥ उसमे स्व्याम्वर तो नही हुआ था। रामायण मे महाराज janak मे एक शर्त रखी कि जो धनुष कि प्रत्यंचा चडा देगा उसी से सीता का विवाह होगा.... इसमे सीता जी ने कहा decide करा कि she is going to select her partner. Ye to janak महाराज ने शर्त रख दी जो dhanush तोडेगा वही सीता जी से शादी करेगा।
और यही द्रौपदी के so called swayamwar me हुआ था, महाराज द्रुपद ने शर्त रखी कि जो चलती हुई मछली को पानी मे देख के उसकी आंख मे निशाना लगाएगा उसके साथ उनकी बेटी का विवाह हो जाएगा। और यही हुआ अर्जुन मे निशान्ना लगाया और उनकी शादी हो गई॥ लेकिन हम क्यो इसे स्यम्वर का नाम देते है॥ ये दोनो ही विवाह उनके पिता कि रखी शर्त से हुए ना कि हमारे महापुरानो कि देवियों के वरन से...
यदि मैं गलत हूँ तो please अपने विचार रखे....

हम भले ही बोल ले कि पुरातन समय मे महिलायो के हालत थोड़े अछे थे लेकिन हम सच्चाई से पर्दा नही कर सकते॥ और हमे सच का सामना करना होगा.

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